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बाघ संरक्षण के विषय में विश्व स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस मनाया जाता है, इसे अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस भी कहा जाता है। इसकी शुरूआत वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में की गई घोषणा से हुई। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में घोषणा की गयी कि विश्व में घटते टाइगर की संख्या को देखते हुए 29 जुलाई को वैश्विक स्तर पर बाघ दिवस मनाया जायेगा।
World Tiger Day 2021, विश्व बाघ दिवस 2021 – 29 जुलाई 2021
International Tiger day 2021
विश्व में घटते टाईगर की संख्या को भांपते हुए सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में विश्व बाघ दिवस मनाये जाने की शुरूआत हुई। सेंट पीटर्सबर्ग के इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिसमें सभी प्रतिनिधियों द्वारा वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुणी बढाने का लक्ष्य रखा गया। साथ ही बाघों के संबंध में तत्कालीन स्थिति के अनुसार बाघों को विलुप्तप्राय मानते हुए IUCN की लाल सूची में रखा गया है।
भारत के संदर्भ में यह दिवस और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु होने के साथ ही इसे शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि के प्रतीक के रूम में माना जाता है।
अंतिक जारी बाघ गणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाघेां की संख्या 2967 है, जो कि विश्व में कुल बाघों की संख्या 3900 का लगभग 70% है। अंतिम गणना अनुसार भारत में बाघों की संख्या पूरे विश्व की तुलना में सर्वाधिक है। बाघों की गणना वर्ष 2018 में हुई थी, जिसकी रिपोर्ट वर्ष 2019 में जारी की गयी थी।
Objective of World Tiger Day, विश्व बाघ दिवस का उद्देश्य
बाघों की वैश्विक स्तर पर बाघों की तस्करी और शिकार जैसी स्थिति को देखते हुए वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ वैश्विक स्तर पर बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना और बाघ संरक्षण हेतु जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाना है।
कब से और किस थीम के साथ मनाया जाता है विश्व बाघ दिवस, Word Tiger day theme 2021
पूरे विश्व में बाघ संरक्षण के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 29 जुलाई को “ उनकी उत्तरजीविता हमारे हाथों में है” थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अनुसार संपूर्ण विश्व में बाघों की संख्या मात्र 3900 है, जिसमें से 2967 केवल भारत में है। इस कारण बाघ संरक्षण के सबंध में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
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World Tiger Day Achievement, विश्व बाघ दिवस की उपलब्धि
भारत में विश्व बाघ दिवस के लक्ष्य के अनुरूप बाघों की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज की है, भारत में वष 2010 में बाघों की संख्या 1706 थी, जो बढकर वर्ष 2018 में 2967 हो गयी है। इसे विश्व बाघ दिवस की उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है।
Tiger status in India भारत में बाघ की स्थिति
संपूर्ण विश्व के साथ भारत में भी बाघों की स्थिति चिंतनीय रही है, जिस कारण भारत भी वर्ष 2010 में विश्व स्तर के सम्मेलन जो रुस के सेंट पिटर्सबर्ग में हुआ था, में भाग लिया था। उक्त सम्मेलन में ही वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को भारत ने निर्धारित समय से 4 वर्ष पूर्व 2018 में ही पूर्ण कर लिया है। वर्ष 2010 में भारत में बाघों की संख्या केवल 752 थी, जबकि वर्ष 2018 की गणना अनुसार भारत में बाघों की संख्या 2967 हो गयी है। वर्ष 2018 की बाघ गणना रिपोर्ट वर्ष 2019 में जारी किया गया था।
भारत में बाघों की तस्करी, शिकार आदि के कारण घट रही बाघों की संख्या के कारण वर्ष 1973 में ही एक प्रोजेक्ट टाईगर नामक अधिनियम पारित किया गया था। प्रोजेक्ट टाईगर अधिनियम पारित किये जाने के बाद वर्ष 1973 में कुल 9 टाइगर रिजर्व क्षेत्र थे। किन्तु भारत में अब तक कुल 52 टाईगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। वर्ष 2018 की गणना अनुसार भारत में सर्वाधिक बाघ मध्य प्रदेश – 526, कर्नाटक – 524, उत्तराखंड – 442 है। इन तीनों राज्य में भारत के कुल बाघों के 50% बाघ हैं।
Word Tiger Day 2021 in Tiger State (Madhya Pradesh), बाघ राज्य (मध्यप्रदेश) में विश्व बाघ दिवस 2021
बाघों की संख्या में बढोत्तरी के साथ मध्य प्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा बनाये रखने के लिए आवश्यक कदम उठाते हुये मध्यप्रदेश राज्य टाईगर फाउंडेशन सोसायटी ने बाघ और मनुष्यों के मध्य रिश्ते कायम रखने की द़ष्टी से बाघ सखा अभियान शुरू किया है। बाघ सखा अभियान मुख्य रूप से विश्व बाघ दिवस के अवसर के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के जगंल एवं जंगल के आस-पास रहने वाले बच्चों को प्रिंटेड टी-शर्ट उपहार में दिया जायेगा। जिसके लिए प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।
How will the competition be under the Tiger Sakha campaign? बाघ सखा अभियान के अंतर्गत कैसी होगी प्रतियोगिता?
# सर्वप्रथम प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बच्चों को ऑनलाईन पंजीयन कराना होगा, पंजीयन निशुल्क होगा।
# प्रतियोगिता में लगभग 4000 टी शर्ट में पेंट कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रतियोगिता हेतु टी शर्ट वन विभाग द्वारा प्रदान किया जायेगा।
# प्रतियोगिता में भाग ले रहे बच्चों को टी शर्ट में फेब्रिक कलर से टी शर्ट में बाघ, तेन्दुआ, मध्यप्रदेश के वन में पाये जाने वाले अन्य जानवरों अथवा पक्षियों का चित्र बनाना है।
# प्रतियोगिता में भाग ले रहे सभी बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जायेगा साथ ही जिले की तीन प्रतिभागी बच्चों को पुरूस्कार प्रदान किया जायेगा। पेंट की हुई टी शर्ट को 29 जुलाई 2021 विश्व बाघ दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के जंगलों एवं जंगल के आस-पास रहने वाले बच्चों को दिया जायेगा।
Number of Tigers in Tiger Reserve in India, भारत में स्थित टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या
भारत के संपूर्ण वनों में टाईगर रिजर्व सहित बाघों की कुल संख्या 2967 है, जिनमें सर्वाधिक बाघों की संख्या मध्य प्रदेश – 526, कर्नाटक – 524, उत्तराखंड – 442 है। भारत के टाईगर रिजर्व में बाघों की स्थिति निम्नानुसार है –
क्र | टाइगर रिज़र्व (स्थापना वर्ष ) | राज्य | बाघ संख्या |
1 | बन्दीपुर टाइगर रिज़र्व (1973-74) | कर्नाटक | 173 |
2 | कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व (1973-74) | उत्तराखंड | 266 |
3 | कान्हा (1973-74) | मध्य प्रदेश | 108 |
4 | मानस (1973-74) | असम | 31 |
5 | मेलघाट (1973-74) | महाराष्ट्र | 49 |
6 | पलामाऊ (1973-74) | झारखण्ड | 0 |
7 | रणथम्बौर (1973-74) | राजस्थान | 55 |
8 | सिमिलीपाल (1973-74) | ओडिशा | 12 |
9 | सुंदरबन (1973-74) | पश्चिम बंगाल | 106 |
10 | पेरियार (1978-79) | केरला | 33 |
11 | सरिस्का (1978-79) | राजस्थान | 0 |
12 | बुक्सा (1982-83) | पश्चिम बंगाल | 0 |
13 | इन्द्रावती (1982-83) | छत्तीसगढ़ | 3 |
14 | नाम्दाम्फा (1982-83) | अरुणांचल प्रदेश | 0 |
15 | दुधवा (1987-88) | उत्तर प्रदेश | 107 |
16 | कलाकड़ – मुन्दंठुरई (1988-89) | तमिलनाडू | 8 |
17 | वाल्मीकि (1989-90) | बिहार | 33 |
18 | पेंच (1992-93) | मध्य प्रदेश | 87 |
19 | तोदबो-अँधेरी (1993-94) | महाराष्ट्र | 106 |
20 | बांधवगढ़ (1993-94) | मध्य प्रदेश | 124 |
21 | पन्ना (1994-95) | मध्य प्रदेश | 31 |
22 | दाम्प (1994-) | मिजोरम | 0 |
23 | भद्र (1998-99) | कर्नाटक | 38 |
24 | पेंच (1998-99) | महाराष्ट्र | 82 |
25 | पक्के और पखुई (1999-2000) | अरुणांचल प्रदेश | 0 |
26 | नामेरी (1999-2000) | असम | 0 |
27 | सतपुडा (1999-2000) | मध्य प्रदेश | 47 |
28 | अनामलाई (2008-09) | तमिलनाडू | 25 |
29 | उदंती-सीतानदी (2008-09) | छत्तीसगढ़ | 0 |
30 | सत्कोसिया (2008-09) | ओडिशा | 0 |
31 | काजीरंगा (2008-09) | असम | 135 |
32 | अचानकमार (2008-09) | छत्तीसगढ़ | 0 |
33 | दंदेली-अंशी टाइगर रिज़र्व (काली) (2008-09) | कर्नाटक | 11 |
34 | संजय-दुबरी (2008-09) | मध्य प्रदेश | 6 |
35 | मुदुमलाई (2008-09) | तमिल नाडू | 162 |
36 | नागरहोल (2008-09) | कर्नाटक | 164 |
37 | पराम्बिकुलम (2008-09) | केरला | 33 |
38 | सह्याद्री (2009-10) | महाराष्ट्र | 0 |
39 | बिलिगिरी रंगनाथ (2010-11) | कर्नाटक | 86 |
40 | कवल (2012-13) | तेलगाना | 0 |
41 | सथ्यमंगालम (2013-14) | तमिलनाडु | 126 |
42 | मुकंदरा हिल्स (2013-14) | राजस्थान | 0 |
43 | नवेगांव – नाग्जिरा (2013-14) | महाराष्ट्र | 6 |
44 | नागार्जुनसागर सिरिसैलुम (1982-83) | आंध्र प्रदेश और तेलंगाना | 43 |
45 | अम्राबाद (2014) | तेलंगाना | 9 |
46 | पीलीभीत (2014) | उत्तर प्रदेश | 65 |
47 | बोर (2014) | महाराष्ट्र | 0 |
48 | राजाजी (2015) | उत्तराखंड | 52 |
49 | ओरंग (2016) | असम | 21 |
50 | कम्लंग (2016) | अरुणांचल प्रदेश | 0 |
51 | सिरिविल्लिपुथुर मेघामलाई (2021) | तमिलनाडू | 0 |
52 | रामगढ विषधारी | राजस्थान | 0 |