World Indigenous Day 2021, विश्व आदिवासी दिवस 2021- Leaving no one behind: Indigenous peoples and the call for a new social contract,

World Tribal Day 2021
World Tribal Day 2021

World Indigenous Day 2021 theme “Leaving no one behind: Indigenous peoples and the call for a new social contract” विश्व स्वदेशी दिवस 2021 थीम : “किसी को पीछे नहीं छोड़ना: स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान”

विश्व आदिवासी दिवस 2021 (Vishva Adivasi Diwas 2021)

प्रतिवर्ष 9 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया जाता है। विश्व के लगभग 90 से अधिक देशों मे आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, इसके बावजूद इस समुदाय को अपना अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। वे आदिवासी समुदाय के लोग ही थे जो अपनी संस्कृति के बल पर दुनिया को सुंदर बनाया। आज विश्व भर मे उदारीकरण, नस्लभेद, रंगभेद जैसे कई कारणों से आदिवासी समुदाय को अपना अस्तित्व और सम्मान बचाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है |

9 अगस्त अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस को समूचे विश्व  में आदिवासी समुदाय के लोग, आदिवासी संगठन, संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की सरकारी संस्थानों के द्वारा सामूहिक समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें विविध परिचर्चा, नाच-गान किया जाता है। पूरे विश्व मे आदिवासी समुदाय के लिए ये दिन सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी दिवस पहली बार वर्ष 1995 मे 9 अगस्त को मनाया गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासियों की वर्तमान स्तिथी, उनकी प्रमुख समस्‍याएं एवं उनकी उपलब्धियों के विषय मे चर्चा हो रही है | आदिवासी समुदाय को प्रकृति का सबसे करीबी माना जाता है। इस समुदाय ने संसाधनों के आभाव में भी अपनी एक खास पहचान हासिल की है | प्रकृति के सवसे करीब होने के साथ ही इस समुदाय का गीत, संगीत,नृत्‍य से सदा ही गहरा लगाव रहा है |

Purpose of World Indigenous Day, विश्व आदिवासी दिवस का उद्देश्य

विश्व मे आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग – अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हज़ार भाषाएं हैं। किंतु आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन किया जाता रहा है। ऐसे मे आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, जिससे कि आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके |

History of world indigenous day, विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा प्रथम बार दिसंबर 1994 मे अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस घोषित किया गया था और वर्ष 1995-2004 को पहला अंतर्राष्ट्रीय दशक घोषित किया गया था। इसके बाद महासभा ने वर्ष 2004 में “ए डिसैड फ़ॉर एक्शन एंड डिग्निटी” की थीम के साथ, 2005-2015 को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दशक की घोषणा की। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 दिसंबर 1994 के संकल्प 49/214 द्वारा निर्णय लिया कि विश्व के आदिवासी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दशक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके पश्चात ही 9 अगस्त 1995 को पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया।

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Why is World Tribal Day celebrated on 9th August? 9 अगस्त को क्यों मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस?

आदिवासी दिवस मनाये जाने मे अमेरिका के आदिवासियों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है | क्योकि अमेरिकी देशों में 12 अक्टूबर को कोलम्बस दिवस मनाया जाता रहा है। अमेरिकी देशों मे कोलम्बस दिवस मनाये जाने पर वहाँ के आदिवासियों द्वारा उसी दिन मतलब 12 अक्टूबर को आदिवासी दिवस मनाया जाने लगा | अदिवसियो के विरोध क मुख्य कारण ये था कि कोलम्बस उस उपनिवेशी शासन व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके लिए बड़े पैमाने पर जनसंहार हुआ था| इस कारण आदिवासी समुदाय द्वारा
सरकार से मांग की गई कि कोलम्बस दिवस के स्थान पर आदिवासी दिवस मनाया जाना चाहिए।

आदिवासी समुदाय के साथ हुए भेदभाव के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से वर्ष 1977 में जेनेवा में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमें कोलम्बस दिवस के स्थान पर आदिवासी दिवस मनाये जाने की मांग की गई | इस प्रकार आदिवासी दिवस मनाये जाने की मांग जोर पकड़ती गई | आदिवासी समुदाय द्वारा 1989 से आदिवासी दिवस मनाना शुरू कर दिया गया, जिसे बड़े स्तर पर समर्थन मिला और आगे चल कर 12 अक्टूबर 1992 को अमेरिकी देशों में कोलम्बस दिवस के स्थान पर आदिवासी दिवस मनाया गया और इसकी शुरुआत हो गई।

इसी दौरान संयुक्त राष्ट्र द्वारा आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कार्यदल का गठन किया, जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को जेनेवा में हुई | संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1994 को आदिवासी वर्ष घोषित किया गया, साथ ही 23 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1995 से 2004 को प्रथम आदिवासी दशक घोषित किया गया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए हुई पहली बैठक 9 अगस्त 1982 के स्मरण में ही 9 अगस्त को प्रतिवर्ष आदिवासी दिवस मनाने की घोषणा की गई | इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र द्वारा द्वितीय आदिवासी दशक के रुप मे वर्ष 2005 से 2014 को घोषित किया गया। जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय के मानव अधिकार, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के अधिकार सुनिश्चित कराना है।

अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस आदिवासी समुदाय के अधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण दिवस है, इस दिन के अवसर पर ही सही सभी को आदिवासी समुदाय की भूमिका को स्वीकारना चाहिए, उनके अधिकारों के लिए भी सभी को प्रतिबध्दता प्रदर्शित करना चाहिए। इसके साथ ही सभी को यह भी स्वीकारना चाहिए कि आदिवासी ही सारी सृष्टि के प्रथम निवासी है और सृष्टि के समस्त संसाधनों पर उनका ही अधिकार है।

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