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भारतीय सेना दिवस प्रतिवर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 में भारत का 73वां सेना दिवस मनाया जाएगा।
भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर के रूप में के.एम. करियप्पा लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल ) द्वारा 15 जनवरी 1949 को पदभार ग्रहण किया गया था, इसी उप्लक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। उनके द्वारा ब्रिटिश शाशन के समय के अंतिम शीर्ष कमांडर ( भारतीय सेना के) जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था।
फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे और के.एम. करियप्पा ही पहले ऐसे सेना अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधी प्राप्त हुई थी। साथ ही फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा ने वर्ष 1947 में हुए भारत- पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। करियप्पा वर्ष 1953 में रिटायर हुए थे और 1993 में 94 साल की आयु में उनका निधन हुआ था।
सेना दिवस के अवसर पर पूरे देश में थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है।
भारतीय सेना की स्थापना
भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 को अंग्रेजों द्वारा की गई थी। भारतीय सेना की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई थी, जिसे बाद में ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ के रूप में जाना जाता था। और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसे ही भारतीय सेना के रूप में जाना जाता है।
क्यों मनाया जाता है, सेना दिवस ?
15 जनवरी के दिन ही वर्ष 1949 में भारत के अंतिम ब्रिटिश शीर्ष कमांडर जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करियप्पा भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर बने थे। इस उपलक्ष्य में इस दिन को सेना दिवस घोषित किया गया।
भारतीय सेना का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कोलकाता में किया गया था।
किस तरह मनाया जाता है, सेना दिवस ?
दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में सैन्य परेड और शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके सेना दिवस मनाया जाता है। जिसमें सेना के कई दस्ते और रेजिमेंट परेड में हिस्सा लेते हैं। कार्यक्रम आयोजन में कई झांकियां भी निकाली जाती हैं। दिल्ली कैंट में आम तौर पर सेना प्रमुख परेड में हिस्सा लेते हैं और सेना के जवानों और अधिकारियों को सम्मानित करते हैं। इस दिन, उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया है।
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