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National Youth Day 2022: राष्ट्रीय युवा दिवस 2022
प्रति वर्ष स्वमी विवेकानन्द के जन्मदिवस 12 जनवरी के अवसर पर भारत में पूरे उत्साह और खुशी के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) मनाया जाता है।युवा दिवस आधुनिक भारत के निर्माता और दुनिया में अपनी असाधारण प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले व देश का नाम रोशन करने वाले स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को याद करने के लिये मनाया जाता है।
जबकि अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) पूरे विश्व में 12अगस्त को मनाया जाता है। पहली बार सन 2000 में इसका आयोजन आरम्भ किया गया था।
भारत सरकार ने पहली बार वर्ष 1984 में स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप मनाये जाने की घोषणा की और वर्ष 1985 से पूरे देश भर में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाने की शुरुआत हुई।
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राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य
स्वामी विवेकानंद के दर्शन और आदर्श की ओर देश के सभी युवाओं को प्रेरित करने के लिये भारत सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया था। स्वामी विवेकानंद के विचारों और जीवन शैली से युवाओं को अवगत कराने के साथ साथ देश के भविष्य को बेहतर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिये राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने का फैसला किया गया था। भारत को विकसित देश बनाने के लिये उनके बड़े प्रयासों को याद करने के साथ ही युवाओं के अनन्त ऊर्जा को जागृत कराना उद्देश्य है।
स्वामी विवेकानंद एक महान इंसान थे जो हमेशा देश की ऐतिहासिक परंपरा को बनाये रखने और नेतृत्व करने के लिये युवा शक्ति पर विश्वास करते थे।
National youth day theme (राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम)
National youth day theme (राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम)
वर्ष | विषय |
2011 | सबसे पहले भारत |
2012 | विविधता में एकता का जश्न |
2013 | युवा शक्ति की जागरुकता |
2014 | ड्रग्स मुक्त संसार के लिये युवा |
2015 | यंगमंच और स्वच्छ, हरे और प्रगतिशील भारत के लिये युवा, नारा ‘हमसे है नयी शुरुआत’ |
2016 | विकास, कौशल और सद्भाव के लिए भारतीय युवा |
2017 | डिजिटल इंडिया के लिए युवा |
2018 | संकल्प से सिद्धि |
2019 | राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का इस्तेमाल |
स्वामी विवेकानंद के महत्वपूर्ण विचार (Swami Vivekananda important quotes)
स्वामी विवेकानंद का मानना था कि आप प्रभु पर तभी यकीन कर सकते हैं जब आप स्वयं पर यकीन करेंगे। यानी जिस दिन आपको खुद पर विश्वास हो जाएगा तब आप खुद ही भगवान पर भी विश्वास करना शुरू कर देंगे।
विवेकानंद जी के अनुसार व्यक्ति को तब तक मेहनत करते रहना चाहिए जब तक वो अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाता। अगर कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी लगन और मेहनत करेगा, तो कामयाबी अवश्य मिलेगी।
उनके अनुसार, व्यक्ति को केवल उसकी आत्मा ही सिखा सकती है। व्यक्ति की आत्मा ही सबसे अच्छा गुरू है।
विवेकानंद जी के मुताबिक अगर भगवान को आप अपने अंदर और दुनिया की जीवित चीजों में नहीं देख पाते, तो आप भगवान को कहीं भी नहीं देख सकते।
विवेकांनद जी के विचार थे की मनुष्य का संघर्ष जितना कठिन होगा, उसकी जीत भी उतनी बड़ी होगी और जितना बड़ा आपका लक्ष्य होगा उतना बड़ा आपका संघर्ष ।
कौन है स्वामी विवेकानंद (Who Is Swami Vivekananda)
स्वामी विवेकानंद का जन्म सन 1863 में कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जो उनके माता पिता द्वारा रखा गया था। विवेकानंद जी ने अपने गुरु श्री रामकृष्ण से ही आध्यात्मिक शिक्षा हासिल की थी और दुनियाभर में हिन्दुत्व के और अपने गुरू के विचारों को फैलाया था। साल 1893 में उनके द्वारा अमेरिका में आयोजित हुए विश्व संसद में दिए गए भाषण को आज भी लोगों ने याद रखा हुआ है। अपने भाषण में उन्होंने भारत, हिंदू धर्म और उनके गुरु श्री रामकृष्ण के विचारों को दुनिया के सामने रखा था। विवेकानंद जी ने अपने जीवनकाल में दुनिया के कई देशों का दौरा किया था और दुनिया भर में योग और वेदान्त को प्रचलित किया था।
विवेकानंद जी ने अपने जीवन को समाज कार्य के लिए समर्पित कर दिया था और वो एक साधु का जीवन जीते थे। विवेकानन्द जी द्वारा सन 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की गई थी। उनके द्वारा स्थापित किए गए रामकृष्ण मिशन को आज दुनिया भर में जाना जाता है और इस भारतीय सामाजिक-धार्मिक संगठन के जरिए कर्म योग के सिद्धांतों, धार्मिक अध्ययन और आध्यात्मिकता जैसी चीजों का ज्ञान लोगों को बांटा जाता है।
वर्ष 1902 को उन्होंने अपनी अतिंम सांस ली। कहा जाता है कि उनके द्वारा समाधि ली गई थी।