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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, International Women’s Day 2022: क्यों मनाया जाता है ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’, और क्या है इसका इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, International Women’s Day 2022:
प्रतिवर्ष विश्व भर में 8 मार्च को “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” (“इंटरनेशनल वीमन्स डे”) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के लिए खास दिन होता है, यह दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए आंदोलन का प्रतीक है और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष के लिए “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की थीम अलग अलग होती है इस वर्ष 2021 की थीम है – “Women in leadership: Achieving an equal future in a COVID-19 world” (“महिला नेतृत्व: COVID-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना”)।
“अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” 2021 की थीम, International Women’s Day 2022 Theme
“अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की शुरुआत वर्ष 1908 में अमरीका के न्यूयॉर्क शहर से हुई, किन्तु थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1996 में मनाया गया था और इस वर्ष 1996 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘अतीत का जश्न, भविष्य की योजना’ रखी गयी थी।
तबसे प्रत्येक वर्ष के लिए “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की थीम अलग-अलग रखी जाती है, इस वर्ष 2021 के लिए “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की थीम “Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world” (“महिला नेतृत्व: COVID-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना”) रखी गयी थी । COVID-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, इनोवेटर आदि के रूप में दुनिया भर में लड़कियों और महिलाओं के योगदान को दर्शाने के उद्देश्य से वर्ष 2021 की थीम रखी गयी थी।
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कैसे हुई “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” मनाने की शुरुआत, International Women’s Day
“अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की शुरुआत एक महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी, जो आंदोलन वर्ष 1908 में अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। इस आंदोलन में लगभग 15 हज़ार महिलाएं अपने अधिकारों की मांग के लिए सड़कों पर उतरी थीं। इन महिलाओं के आंदोलन का मुख्य कारण काम के समय को कम करवाना, अच्छा वेतन के साथ-साथ वोट देने के अधिकार की मांग थीं। अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी द्वारा महिलाओं द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन के लगभग एक वर्ष बाद पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस मनाने का विचार क्लारा ज़ेटकिन द्वारा दिया गया।
क्लारा ज़ेटकिन जो उस समय यूरोपीय देश डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं की अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भाग ले रही थीं। उक्त कांफ्रेंस में 17 देशों से आयी लगभग 100 महिलाएं उपस्थित थीं। इसी कांफ्रेंस के दौरान उपस्थित सभी महिलाओं द्वारा सर्वसम्मति से क्लारा जेटकिन के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंज़ूर किया था। क्लारा ज़ेटकिन ने वर्ष 1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव किया था। सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में वर्ष 1911 में मनाया गया था। किन्तु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा औपचारिक मान्यता वर्ष 1975 में प्राप्त हुई, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाना शुरू किया था.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का उद्देश्य, Objective of celebrating International Women’s Day
महिलाओं और पुरुषों में समानता जैसी जागरूकता लाने के साथ-साथ महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति के लिए “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” मनाया जाता है। विश्व के कई देश आज भी ऐसे हैं जहां महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त नहीं है और महिलाओं की स्थिति शिक्षा, रोजगार, नौकरी, पदोन्नति, स्वरोजगार, स्वाथ्य आदि के क्षेत्र में काफी पिछडी हुई है। जिनको समान अवसर के साथ-साथ सभी क्षेत्र में पर्याप्त अधिकार प्राप्त होने के साथ-साथ महिला स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें जैसे अनेक उद्देश्य हैं।
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संयुक्त राष्ट्र द्वारा रखी गयी आधिकारिक विषय-वस्तु की सूची , International Women’s Day Theme list
वर्ष | यूएन की विषय-वस्तू हिन्दी में अनुवाति |
1996 | अतीत का जश्न, भविष्य के लिए योजना |
1997 | महिलाओं और शांति तालिका |
1998 | महिला और मानवाधिकार |
1999 | महिलाओं के खिलाफ हिंसा से मुक्त विश्व |
2000 | शांति के लिए एकजुट महिलाएं |
2001 | महिला और शांति: महिला का संघर्ष प्रबंधन |
2002 | आज की अफगान महिला: वास्तविकता और अवसर |
2003 | लिंग समानता और सहस्राब्दी विकास लक्ष्य |
2004 | महिला और एचआईवी/एड्स |
2005 | 2005 के आगे लिंग समानता; अधिक सुरक्षित भविष्य का निर्माण |
2006 | निर्णय-लेने में महिलायें |
2007 | महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना |
2008 | महिला और लड़कियों में निवेश |
2009 | महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए महिला और पुरुष एकजुट |
2010 | समान अधिकार, समान अवसर: सभी के लिए प्रगति |
2011 | शिक्षा, प्रशिक्षण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समान पहुँच: महिलाओं के बेहतरी का मार्ग |
2012 | ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, गरीबी और भूखमरी का अंत |
2013 | वचन देना, एक वचन है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्रवाई का समय |
2014 | महिलाओं के लिए समानता, सभी के लिए प्रगति है |
2015 | महिला सशक्तीकरण, ही मानवता सशक्तीकरण: इसे कल्पना कीजिये! |
2016 | 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50: लैंगिक समानता के लिए आगे आये। |
2017 | कार्य की बदलती दुनिया में महिलाएं: 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50 |
2018 | अब समय है: महिलाओं और महिलाओं के जीवन को बदलने वाले ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता अब हैं: ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के जीवन को बदल रहे हैं |
2019 | समान सोचें, बिल्ड स्मार्ट, बदलाव के लिए नया करें |
2020 | मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं |
2021 | “Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world” |
2022 |
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