Low Investment Business Idea : Pearl Farming

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Low Investment Business Idea : Pearl Farming

Low Investment Business Idea Pearl Farming : मोती की खेती, जी हॉ आप सही देख रहे हैं मोती की खेती एक कम निवेश में बे‍हतर व्‍यवसाय है, जिसको करने पर लागत से 10 गुना अधिक तक का लाभ कमाया जा सकता है। इस व्‍यवसाय को सरकार भी प्रोत्‍साहित कर रही है, प्रोत्‍साहन स्‍वरूप सरकार व्‍यवाय करने के लिए आकर्षक सब्सिडी देती है। आज के इस लेख में हम मोती की खेती से जुड़े हर पहलु पर नजर डालेंगे, जैसे कि किन सामग्री की आवश्‍यकता होगी, लागत कितनी होगी, क्‍या प्रशिक्षण की आवश्‍यकता होगी, प्रशिक्षण कहां से प्राप्‍त करना होगा, मोती की खेती के लिए किन बातों का ध्‍यान रखना होगा आदि सभी जो इस व्‍यवसाय के लिए उपयोगी होगा और जो आप जानना चाहेंगे।

दोस्‍तों यदि आप भी व्‍यवसाय के लिए बेहतर विकल्‍प की तलाश में हैं तो यकीन मानिये मोती की खेती आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प साबित होने वाला है। कम लागत वाले इस व्‍यवसाय में सरकार द्वारा 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है। मोती की खेती को महज 25 से 30 हजार के निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है।  आइये आगे जान लेते हैं किस प्रकार मोती की खेती किया जा सकता है –

Things needed for pearl farming (मोती की खेती के लिए आवश्‍यक बातें)

दोस्‍तों मोती की खेती करने के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण है

1              Proper Training (उचित प्रशिक्षण),

2              Appropriate water resource for farming (खेती के लिए उचित पानी का संसाधन)

3              Good quality oysters (सबसे महत्‍वपूर्ण अच्‍छी गुणवत्‍ता का सीप)।                

Pearl farming training (मोती की खेती के लिए प्रशिक्षण)

मोती की खेती की तरफ काफी लोग आकर्षित हो रहे हैं इस कारण जगह जगह इसके प्रशिक्षण केन्‍द्र भी बन रहे हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार प्रशिक्षण केन्‍द्र का चुनाव कर सकते हैं। मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, उत्‍तरप्रदेश में मोती की खेती के लिए प्रशिक्षण केन्‍द्र हैं, जहां आप प्रशिक्षण ले सकते हैं।

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Water Resources for Pearl Cultivation (मोती की खेती के लिए जल संसाधन)

मोती की खेती के लिए पानी के संसाधन का होना आवश्‍यक है, मोती की खेती के लिए जल संसाधन के लिए वैसे तो तालाब  सबसे उपयुक्‍त संसाधन है, कुछ लोग तालाब की उपलब्‍धता न होने की दशा में पानी की टंकियों का भी प्रयोग कर रहे हैं एवं बेहतर तरीके से मोती की खेती कर रहे हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार पानी की व्‍यवस्‍था कर सकते हैं। हालाकि तालाब में मोती की खेती करना उपयुक्‍त होगा।

Oysters for pearl farming (मोती की खेती के लिए सीप)

मोती की खेती के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण है सीप, जिसमें मोती तैयार किया जाना है। मोती तैयार करने के लिए अच्‍छी किस्‍म के सीप की आवश्‍यकता होगी जो दक्षिण भारत के राज्‍यों में एवं पूर्व के राज्‍यों में आसानी से मिल जाते हैं।

Investment for Pearl Farming (मोती की खेती के लिए लागत)

यदि आपके पास पहले से तालाब उपलब्‍ध है तो आप मोती की खेती को 25 से 30 हजार लागत में शुरू कर सकते हैं। मोती की खेती के लिए मुख्‍य लागत के रूप में तालाब की ही लागत ज्‍यादा होने वाली है। यदि आपके पास तालाब नहीं है तो आपको चिंता करने की आवश्‍यकता नहीं है, आप तालाब खुदवा सकते हैं। तालाब खुदवाने के लिए सरकार आपको सब्सिडी देती है। इसके अतिरिक्‍त यदि आपको तालाब नहीं खुदवाना है तो भी चिंता करने की आवश्‍यकता नहीं है आप मोती की खेती की शुरूआत पानी की टंकियों से भी कर सकते हैं।

Income from pearl farming (मोती की खेती से आय )

आय यदि आप मोती की खेती में 25 से 30 हजार रूपये निवेश करते हैं तो आप लगभग 1000 सीप में मोती तैयार करने के लिए रख सकते हैं, जिसमें से किसी भी कारणों से कुछ सीप यदि खराब होती हैं तो भी लगभग 600 सीप में मोती तैयार हो सकते हैं। प्रत्‍येक सीप में 2 मोती तैयार होती हैं बाजार में एक सामान्‍य मोती की कीमत लगभग 100 से 120 रू तक रहती है वहीं मोती की गुणवत्‍ता यदि बेहतर है तो एक मोती की कीमत 200 रूपये तक हो सकती है। यदि हम सामान्‍य मोती ही मान कर चलते हैं तो सही बचे 600 सीप में लगभग 1200 मोती तैयार होते हैं जिनसे हमें लगभग 144000 रूपये की आय होगी।

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